उत्तराखंड राज्य में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। आलम यह है कि अब पर्वतीय क्षेत्रों पर भूस्खलन और आपदा जैसे हालात बनने लगे हैं। जिससे उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोग काफी दहशत में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जी हां, ऐसा कुछ ही मामला पिथौरागढ़ जिले धारचूला से सामने आया है। जिसमें सड़क किनारे का पहाड़ नीचे की ओर गिरा। हालांकि, इस क्षेत्र में भूस्खलन का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी इस क्षेत्र में भूस्खलन होते रहे हैं।
आपको बता दे कि टनकपुर- तवाघाट नेशनल हाईवे पर जौलजीबी और धारचूला के बीच किमखोला के पास एक चट्टान भरभराकर गिरी इस जगह पर पहले से ही लगातार भूस्खलन हो रहा था। लेकिन गुरुवार को सुबह 11 बजे अचानक पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ है। सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण हाईवे बंद हो गया है। हाईवे के बंद होने से धारचूला तहसील मुख्यालय समेत बॉर्डर पर रहने वाली 50 हजार से अधिक आबादी का शेष दुनिया से संपर्क कट गया है।
वहीं, हाईवे को खोलने के लिए बीआरओ के कर्मचारी जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि मार्ग खोलने में काफी वक्त लग सकता है। पिथौरागढ़ जिले में पिछले चार दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी पिथौरागढ़ का दौरा करना था। खराब मौसम और भारी बारिश के कारण मुख्यमंत्री का दौरा भी स्थगित हो गया, इससे पहले सीएम का रुद्रप्रयाग, केदारनाथ और चमोली दौरा भी बारिश के कारण रद्द हुआ था।