मशरूम वाला इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, कोविड काल मे करोड़ों की लागत से बना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की बदहाल स्थिति 

उत्तराखंड राज्य में बना पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम इन दिनों अपने बुरे दौर से गुजर रहा है। जी हां, राजधानी देहरादून के रायपुर में करीब ढाई सौ करोड़ रुपए की लागत से बना राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम इन दिनों बदहाल स्थिति में है। आलम ये है कि क्रिकेट ग्राउंड में चारों तरफ जहां कूड़ा करकट फैले हुए हैं तो वहीं, ग्राउंड में मशरूम के साथ साथ कई फीट तक जंगली घास तक जम गयी हैं। हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से खेल गतिविधियां पूरी तरह से ठप है जिसका नतीजा यह हुआ की देहरादून का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम इन दिनों अपने बदहाल स्थिति के दौर से गुजर रहा है

आपको बता दे कि साल 2016 अंत मे तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन किया था। हालांकि, करोड़ों की लागत से बनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनाने का मकसद यही था कि उत्तराखंड के खिलाड़ियों को बेहतर न सिर्फ एक बेहतर प्लेटफार्म उपलब्ध हो सके, बल्कि उत्तराखंड के क्रिकेट प्रेमियों को इंटरनेशनल स्तर के मैच का भी लुफ्त उठा सके। हालांकि, इस इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में अफगानिस्तान, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश और आयरलैंड के बीच तमाम मुकाबले भी खेले जा चुके हैं। लेकिन वर्तमान में स्टेडियम की हालत ऐसी हो गई है कि बिना रखरखाव के अपने बुरे दौर से गुजर रहा है। 

अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनाये जाने की मुख्य वजह यही थी कि यहां पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी मिल सकेगी। जिसके बाद साल 2018 में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने देहरादून स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी को अपना दूसरा होम ग्राउंड बना लिया था। जिसके बाद साल 2018 में देहरादून में पहली अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच खेली गयी थी। इसके बाद साल 2019 के शुरुवात में अफगानिस्तान और आयरलैंड के बीच फिर साल 2019 के अंत मे भी अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच भी मुकाबला खेला गया।


इन दिनों यह स्टेडियम पूरी तरह से बदहाल स्थिति में है, रखरखाव न होने की वजह से कुर्सियां टूट गई है, मैदान में बड़ी-बड़ी घास उग आई है। इतना ही नहीं पूरे ग्राउंड में बरसात के पानी से काई जम गई है। आलम यह है कि जंगली घास उग जाने से स्टेडियम की पिच भी पूरी तरह से खराब हो गया है। यही नहीं, स्टेडियम के रखरखाव के लिए यूज होने वाली मशीनें भी पूरी तरह से जंग खा गई है। इसके साथ ही स्टेडियम के चारों तरफ कूड़ा करकट फैला हुआ है। जिसे देखकर यही लगता है कि पिछले कई महीनों से कोई भी इस स्टेडियम की सुध लेने नहीं आया है। 

साल 2019 में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को राज्य सरकार ने कोविड-19 सेंटर में तब्दील कर दिया था। जिसके बाद से ही स्टेडियम के हाल में कोविड सेंटर संचालित किया जा रहा है। इसके साथ ही स्टेडियम के पीछे भी जिला कोविड केयर सेंटर बनाया गया है जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। ऐसे में स्टेडियम के भीतर बाहरी व्यक्तियों के जाने की अनुमति नहीं है। लेकिन ग्राउंड के रखरखाव के लिए हमेशा से ही कर्मचारी तैनात रहे हैं, बावजूद इसके स्टेडियम की हालत बद से बदतर हो गई है। 

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