मानव और ड्रग्स तस्करी का अड्डा बन गया है पिरान कलियर, बड़ी कार्यवाही की तैयारी!

पिरान कलियर को उत्तराखंड का छटवां धाम माना जाता है लेकिन इस धाम में कई ऐसे अनैतिक कार्य हो रहे हैं। जिनको लेकर प्रदेश के वख्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि, पिरान कलियर में लोगों की एक बहुत बड़ी आस्था है। लेकिन इस आस्था पर कुछ लोग बट्टा लगाने का काम कर रहे है। उन्होने कहा कि, यहां पर मानव तस्करी के साथ-साथ देह व्यापार की भी कई घटना सामने आ रही है, जिसको लेकर सरकार बड़ी कार्रवाई की तयारी में है।

उन्होने आगे कहा कि पिरान कलियर में मानव तस्करी के साथ ही ड्रग्स की तस्करी चरम पर है। इस गंदगी को हटाने के लिए सरकार हर सम्भव प्रयास करेंगी। शादाब शम्स का कहना है कि बोर्ड 15 सितंबर को होने वाली अपनी बैठक में पूरे राज्य में वक्फ जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए जरूरी बुलडोजर खरीदने या किराए पर लेने का प्रस्ताव पेश करेगा. उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में हजारों एकड़ वक्फ भूमि पर अवैध रूप से कब्जा है। हम अपनी संपत्तियों को माफिया के चंगुल से मुक्त करना चाहते हैं ताकि वे उन लोगों के लिए उपयोगी बन सकें जिनके लिए वे वास्तव में हैं।

आपको बता दे कि पिरान कलियर दरगाह रुड़की से करीब 20 किलोमीटर दूर गंगा नदी के तट पर पिरान कलियर में स्थित है। यह दरगाह पूरे देश को मानवता और एकता का संदेश देती है। पिरान कलियर को कलियर शरीफ के नाम से भी जाना जाता है। यह सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की कब्र है। यहां हर वर्ष धार्मिक कार्यक्रम “उर्स” का आयोजन किया जाता है। मुस्लिम समुदाय के साथ साथ हिंदु धर्म के लोग भी यहां चादर चढ़ाते हैं तथा मन्नत मांगते है।

इसी तरह कलियर शरीफ में लोगों की मुरादें पूरी होने के साथ ही यह ऐसी दरगाह है जहां जिन्न और भूत प्रेतों को सरेआम फांसी दी जाती है। दरगाह में एक गूलर के खाने से निसंतान दंपत्ति को औलाद मिल जाती है. माना जाता है कि साबिर की दरगाह में जो भी मन्नत मुरादे लेकर पहुंचते हैं, वे उन्हें खाली हाथ नहीं लौटाते।

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