राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों मे सभी छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिल सके, इसके लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं की आवश्यकता के अनुसार सीटें बढ़ाई जायेगी। इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिये हैं। साथ ही राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्वीकृत निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये हैं। यही नही, विभाग में रिक्त पदों के सापेक्ष जल्द डीपीसी कराने और छात्र-छात्राओं को जल्द टैबलेट वितरित कराने को कहा गया है।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में डॉ. रावत ने कहा कि राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कोई भी छात्र प्रवेश से वंचित नहीं रहेगा। जरूरत पड़ने पर उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सीट बढ़ा दी जायेगी, जिसके लिए अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विभिन्न निर्माणाधीन निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा कर शासन को उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।
मंत्री डॉ. रावत ने सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शेष रह गये परीक्षा परिणामों को शीघ्र घोषित करने, माह दिसम्बर में दीक्षांत समारोह का आयोजन करने एवं छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों को जल्द डीजी लॉकर में अपलोड करने को कहा, उन्होंने कहा कि शैक्षणिक प्रमाण पत्रों एवं परीक्षा परिणामों को लेकर छात्र-छात्राओं को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए विश्वविद्यालयों को जवाबदेही तय करनी होगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि विभाग में लम्बे समय से रिक्त चल रहे विभिन्न पदों पर जल्द डीपीसी कर अधिकारियों की तैनाती के निर्देश दिये।
साथ ही उन्होंने राज्यभर में खोले गये नये महाविद्यालयों में तत्काल फैक्ल्टी तैनात करने को शासन के अधिकारियों को कहा, इसके अलावा विभाग के अंतर्गत समूह-ग एवं समूह-घ के रिक्त पदों को आवश्यकतानुसार उपनल के माध्यम से भरने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। विभागीय मंत्री ने राजकीय महाविद्यालयों में करीब एक लाख छात्र-छात्राओं को टैबलेट वितरण को लेकर विभगीय प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये।