भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा है कि यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि 15 अगस्त 1947 को हमें आजादी मिली और आजादी के बाद देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला जिसके हाथों देश के टुकड़े हुए। जिन लोगो के कारण देश का विभाजन हुआ ओर जिन के प्रधानमंत्री बनने के कारण देश को विभाजन झेलना पड़ा, उन्हें भी देशद्रोही माना जाना चाहिए।
दरअसल, हरिद्वार दौरे पर पहुचे उत्तराखंड के भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कंगना रनौत के उस बयान का बचाव किया, जिसमें कंगना रनौत ने देश की आजादी 1947 में ना होकर 2014 में होना बताया था। दुष्यंत गौतम ने भी माना कि 1947 में मिली आजादी दुर्भाग्यपूर्ण थी। हालांकि, उन्होंने बाद में कहा कि वे देशभर मरने वाले शहीदों का सम्मान करते हैं लेकिन जिस व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाने के कारण देश को विभाजन का दंश झेलना पड़ा और हजारों लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी ऐसे व्यक्ति को देशद्रोही मानना चाहिए।
दुष्यंत गौतम ने कहा कि कंगना रनौत द्वारा जो बयान दिया गया वह अपने बयान को सही से इज्जत नहीं कर पाऊंगी वह भी मानते हैं कि 1947 के बाद जो प्रधानमंत्री मिला और जो प्रधानमंत्री 2014 में मिला अगर उसकी तुलना की जाए तो 2014 के बाद की स्थितियां काफी अच्छी दिखाई देती हैं जिसमें युवाओं को रोजगार बुजुर्गों को सम्मान और बहन बेटियों की रक्षा होती दिखाई दे रही है उन्होंने कहा कि देश की आजादी में केवल गांधी परिवार का ही हाथ नहीं है इसमें सुभाष चंद्र बोस भगत सिंह आदि कई हजारों स्वतंत्रा सेनानियों का भी हाथ रहा है।
कंगन रनौत द्वारा आजादी को भीख में मिलने की बात कही जाने के बारे में पूछे जाने पर वे कहते है कि यह कहना गलत है कि आजादी भीख में मिली, बिल्कुल गलत है यह कहना, आजादी बहुत मुश्किल से और हमारे महापुरुषों द्वारा कुर्बानी देने से मिली है।