बांस के डंडे के सहारे खतरनाक रास्तों से मरीज को अस्पताल ले जाते, पहाड़ में पहाड़ जैसी पीड़ा

उत्तराखंड में पिथौरागढ़ के बोना ग्राम सभा के गोल्फा गांव की इन तस्वीरों ने आजाद भारत के 72 वर्ष बाद के विकास के खोखले दावों की पोल खोलकर रख दी है। बीमार महिला को मौत के टूटे फूटे रास्तों से कंधों पर ले जाने की। इन तस्वीरों को देखकर आप विचलित भी हो सकते हैं गोल्फ़ा गांव से एक बीमार महिला को नजदीकी अस्पताल लेकर जाने की इन तस्वीरों को देश के हर एक व्यक्ति को देखना चाहिए। पहाड़ में रहने वाले लोगों की पहाड़ से भी बड़ी ऐसी अनेक समस्या है।

भारी बरसात के चलते पिथौरागढ़ के बोना ग्राम सभा के गोल्फा गांव में आम-जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सड़कें और पैदल मार्ग ध्वस्त हो गए हैं। वहीं, दूसरा कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं होने के चलते एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो प्रशासन की पोल खोल रही है। पहाड़ों में सुविधाओं की कमी तो अक्सर देखने को मिलती है, लेकिन पिथौरागढ़ से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है। 

जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। जगह-जगह लैंडस्लाइड होने के कारण सड़क मार्ग बंद पड़े हैं पिथौरागढ़ में भी स्थिति सही नहीं है पिथौरागढ़ जनपद के बोना ग्राम सभा के गोल्फा गांव में एक महिला की तबीयत खराब हो गई तो उस महिला को ग्रामीण डोली के सहारे 30 किलोमीटर पैदल कंधे में ले गए और मधु कोर्ट अस्पताल में उपचार करवाया गया। आपको बता दें वहां का मोटर मार्ग एक हफ्ते से बंद पड़ा है। जिसके कारण ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

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