उत्तराखंड में जनसंख्या वृद्धि कानून का दिखा असर तीसरी संतान होने पर चली गई नेता जी की कुर्सी

देशभर के कई राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर चर्चाएं जोरों शोरों से चल रही है। जिसकी मुख्य वजह यह है कि जनसंख्या को नियंत्रण किया जा सके। लेकिन इसी बीच उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है। जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। जी हां, हरिद्वार जिले के लक्सर नगर पालिका से वार्ड नंबर 4 की सभासद, नीता पांचाल ने अपने तीसरे बच्चे को जन्म देने के बाद ही सभासद की कुर्सी गंवा दी। क्योकि प्रदेश में स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधियों के लिए अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है।

आपको बता दें कि उक्त शासनादेश दो जुलाई 2002 से ही लागू है। इस कारण प्रदेश में नगर निकाय और पंचायतों में ऐसे व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, जिनकी जुलाई 2002 के बाद तीसरी संतान हुई है। इस बीच लक्सर नगर पालिका से वार्ड चार की सभासद नीता पांचाल साल 2018 में निर्वाचित होने के बाद, हाल ही में तीसरी बार मां बन गई। फिर क्या था कुछ लोगों ने उनकी शिकायत हरिद्वार के जिलाधिकारी से कर दी। और फिर निर्वाचन की शर्त का उल्लंघन करने के मामले में उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी।

डीएम ने जांच एसडीएम लक्सर और नगर पालिका ईओ के जरिए कराई, जिसमें शिकायत सही पाई गई। शहरी विकास विभाग ने डीएम हरिद्वार की रिपोर्ट के आधार पर नीता पांचाल की सदस्यता समाप्त की। सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली ने मंगलवार को इसके आदेश जारी किए। शहरी विकास विभाग ने निकायों के वर्तमान कार्यकाल में इस वजह से पहली बार किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को पद से हटाया है। नीता पांचाल लगातार दूसरी बार भाजपा के टिकट पर पार्षद निर्वाचित हुई हैं।

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