चारधाम यात्रा को लेकर एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है सरकार

लंबे इंतजार के बाद अब जाकर चारधाम यात्रा खुल चुकी है, और सबसे राहत भरी बात यह है की जब से यात्रा खुली है चार धाम के दर्शन के लिए भक्तों की ताता लगा हुआ है, लेकिन अभी चार धाम में यात्रियों के जाने पर एक लिमिट लगी हुई है। इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में प्रतिदिन 400 यात्री जा सकते हैं. इस लिमिट के लगने की वजह से जहां सीमित संख्या में ही श्रद्धालु यात्रा कर सकते हैं तो सरकार अब इस संख्या को बढ़ाने की गुहार लगाने हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।

18 सितंबर से उत्तराखंड चारधाम की यात्रा खुल गई है। चार धाम की यात्रा शुरू होने के बाद ही चार धाम के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं ने बढ़- चढ़कर पंजीकरण कराया। लेकिन वर्तमान समय मे हालात ये है कि पंजीकृत श्रद्धालुओं में से करीब 50 फीसदी ही श्रद्धालु दर्शन करने पहुच रहे है। जिसके चलते  दोपहर एक बजे के बाद चारधाम परिसर पूरी तरह से खाली हो जा रहा है। जिससे न सिर्फ राज्य सरकार काफी चिंतित है बल्कि, चारधाम आने वाले श्रद्धालु भी चारधाम के लिए पंजीकरण नही करा आया रहे है। ऐसे में सरकार एक बार फिर से यात्रा में भक्तों की संख्या बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट जा रही है। 

पर्यटन एवं धर्म संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए जो लिमिट तय की गई है वो  हर दिन कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती है, कुछ ही घंटों में इतने यात्री दर्शन कर लेते हैं, उसके बाद पूरे दिन यात्री दर्शन नही करते हैं। जिसको देखते हुए हमने तय किया है की हम हाईकोर्ट में इस बात को रखेंगे और कोर्ट से आग्रह करेंगे की और यात्रियों को दर्शन करने की इजाजत दी जाए।

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