उत्तराखंड चारधाम यात्रा के संचालन की व्यवस्थाओं के संबंध में नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा रिपोर्ट मांगे जाने के बाद गुरुवार को मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है। हालांकि, यह बैठक सचिवालय में 3:00 बजे बुलाई गई है जिसमें चारधाम यात्रा के लिए व्यवस्था को मुकम्मल करने संबंधी विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। हालांकि, इस बैठक में चारधाम यात्रा से संबंधित व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा किया जाएगा।
हालांकि, राज्य सरकार ने पहले ही इसकी घोषणा कर दी थी कि 15 जून से चारधाम की यात्रा स्थानीय स्तर पर शुरू कर दी जाएगी, लेकिन इस बाबत जब अधिकारियों से बातचीत की गई तो अधिकारियों ने राज्य सरकार से 15 दिन की मोहलत मांगी थी, ताकि चारधाम यात्रा के लिए व्यवस्थाओं को मुकम्मल किया जा सके। अधिकारियों के अनुसार चारधाम की व्यवस्थाएं करने में थोड़ा वक्त लगेगा क्योंकि कोविड-19 में सारी सरकारी मशीनरी कोरोना संक्रमण से बचाव में जुटी हुई है।
यही नहीं, चारधाम की यात्रा को बेहतर ढंग से संचालित किए जाने को लेकर उत्तराखंड शासन, एसओपी तैयार करने में जुटी हुई है। हालांकि, यह एसओपी पिछले साल की तर्ज पर ही तैयार की जा रही है। मुख्य रूप से चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त सरकार अभी फिलहाल चरणबद्ध तरीके से चारधाम की यात्रा को संचालित करने पर फोकस कर रही है।
हालांकि, राज्य सरकार चारधाम यात्रा को चरणबद्ध तरीके से संचालित करने जा रही है। जिसके तहत एक जुलाई से धामो से संबंधित जिलों के लोगों को दर्शन करने की अनुमति दी जा सकती है। इसके बाद फिर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रदेश स्तर पर चारधाम की यात्रा शुरू की जा सकती है। ऐसे में उम्मीद है कि 30 जुलाई के बाद अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए भी चारधाम की यात्रा शुरू कर दी जाएगी।