उत्तराखंड के पहाड़ी जिलो में दीपावली के ठीक 11 दिन बाद इगास पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। आम जनमानस की मांग का सम्मान करते हुए सीएम ने इस पर्व पर राजकीय अवकाश घोषित किया है, जिसके बाद पूरे प्रदेश में उनकी सराहना की जा रही है। सभी मुख्यमंत्री को बधाई दे रहे हैं। इसी क्रम में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी मुख्यमंत्री धामी को बधाई दी है। हालांकि, राज्य सरकार ने पहले 14 नवंबर यानी रविवार को इगास की राजकीय अवकाश घोषित किया था। इसके बाद शुक्रवार को शासन ने आदेश जारी कर 15 नवंबर यानी सोमवार को इगास की राजकीय अवकाश घोषित कर दिया है।
लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इगास पर राजकीय छुट्टी घोषित करने पर कुछ और ही बोल बैठे हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इगास पर राजकीय छुट्टी घोषित करना कोई बड़ी बात नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने बहुत ही तंज भरे लहजे में कहा कि प्रदेश में जब छठ पर्व की छुट्टी हो सकती है तो इगास की छुट्टी करना कोई बड़ी बात नहीं है।
दरअसल, पिछली दीपावली तक प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर त्रिवेंद्र सिंह रावत आसीन थे और पिछले 4 सालों से लगातार बतौर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बूढ़ी दीपावली या फिर इगास पर्व की छुट्टी की मांग होती आ रही थी। हालांकि, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छठ पर्व पर तो राजकीय अवकाश घोषित किया था, लेकिन इगास पर्व पर छुट्टी नहीं की गई।
तो वही, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद करते हुए कहा कि वह पिछले कई सालों से प्रयास कर रहे थे कि प्रदेश में इगास पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाए और इसके लिए राजकीय अवकाश घोषित किया जाए। ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इगास पर्व पर राजकीय अवकाश घोषित कर दिया है। ऐसे में वह खुद अपने गांव पहुंचकर इगास पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाएंगे।