उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले ही विधानसभा का चुनाव हार गए हो लेकिन सीएम धामी के नेतृत्व में हुए इस विधानसभा चुनाव में भाजपा संगठन पूर्ण बहुमत के साथ एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने जा रही है। हालांकि, इस विधानसभा चुनाव में भाजपा संगठन को 47 सीटें प्राप्त हुई है, जिससे भाजपा संगठन काफी उत्साहित नजर आ रही है। तो वहीं, अब भाजपा संगठन प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के लिए मंथन करना शुरू कर दिया है।
यही नहीं, उत्तराखंड राज्य में सरकार गठन के लिए भाजपा आलाकमान ने दो पर्यवेक्षक बनाए हैं। जो जल्द ही उत्तराखंड पहुंचकर सरकार गठन के कमान संभालें। हालांकि, राज्य में मुख्यमंत्री के लिए तमाम नाम आगे चल रहे हैं। जिसमें सबसे पहला नाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह भूमिका है तो वही दूसरे नंबर पर अनिल बलूनी और तीसरे नंबर पर सतपाल महाराज के साथ ही रमेश पोखरियाल निशंक, धन सिंह रावत का नाम शामिल है। हालांकि ये चर्चाएं हैं लेकिन उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका निर्णय आलाकमान को ही लेना है।
भाजपा ने चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, लेकिन चुनाव में पार्टी का चेहरा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए। ऐसे में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह प्रश्न राजनीतिक गलियारों में तैर रहा है। साथ ही भाजपा भी मुख्यमंत्री के नाम पर विचार करने में जुट गई है। चर्चा है कि चुनाव हारने के बावजूद धामी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पिछली सरकार में उन्हें कार्य करने को केवल छह माह का ही समय मिल पाया। इस दौरान वह निर्विवादित रहे। साथ ही सरकार और पार्टी की छवि को बेहतर करने की कोशिश में वह सफल रहे। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी इसका संज्ञान लिया।
विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में भी धामी की भूमिका महत्वपूर्ण रही। साथ ही उन्होंने पार्टी में नई ऊर्जा का संचार किया। धामी को यदि फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो इसे लेकर अचरज भी नहीं होगा। पूर्व में अरुण जेटली और स्मृति ईरानी के लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद भाजपा ने उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया था। हाल में बंगाल के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने भी यही फार्मूला अपनाया था।