उत्तराखंड में नकली दवाईयों का बड़ा कारोबार फैला हुआ है। भगवानपुर, लक्सर और सहारनपुर में बड़े स्तर पर नकली एंटीबायोटिक दवाइयां बनाने वाली कंपनियों पर एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ को करीब एक करोड़ रुपये की 15 लाख टैबलेट भी बरामद हुई हैं। ये नकली दवाइयां ज्यादातर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेची जा रही थी।
नकली दवाइयों का ये कारोबार छोटा नहीं है। अंदाजा है कि अभी तक कई करोड़ की दवाइयां पूरे भारत में सप्लाई हो चुकी हैं। ब्रांडेड कंपनियों के फर्जी रैपर बनाकर इन दवाइयों को पैक किया जा रहा था। एसटीएफ ने हरिद्वार से लेकर सहारनपुर तक ये कार्रवाई की है। तकरीबन 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है। एसटीएफ ने नकली दवाइयों को अपने कब्जे में ले लिया है, ड्रग्स इंस्पेक्टर इसपर आगे की कार्रवाई करेंगे और संबंधित दवाइयों का ब्योरा जानेंगे। अभी तक जो दवाइयां एसटीएफ को रेड में मिली हैं जिनमें ज्यादातर एंटीबायोटिक दवाइयां हैं।
इन नकली दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग हिमाचल और महाराष्ट्र जैसी जगहों के नाम पर फर्जी लिखी जाती थी। सहारनपुर में ब्रांडेड कंपनियों के नाम के ये रैपर और डिब्बे बनाये जा रहे थे। पकड़ी गई फर्जी कम्पनी में इनोवा ड्रग्स एंड फार्मा भी है जिसका मालिक मुंबई का बताया जा रहा है। ये कंपनियां एक चेन में काम कर रही थी कहीं नकली दवाइयां बनती थी, एक जगह पैक होती थी और एक जगह से सप्लाई। एक कंपनी वाटर सप्लाई के नाम पर भीतर नकली दवाइयां बनाने का काम भी कर रही थी।
बीते कई सालों से ये नकली दवाइयां बनाने का धंधा चल रहा था, डर इस बात का है कि न जाने कितने लोगों ने नकली दवाइयां खरीदी होंगी और इनका सेवन भी किया होगा। अभी भी एसटीएफ की रडार पर ऐसी कई और फर्जी कंपनियां हैं, जिनपर कार्रवाई होगी। हालांकि इन कंपनियों के मालिक अभी एसटीएफ की गिरफ्त से बाहर हैं।