ऑल वेदर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने को मिली हरी झंडी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार चारधाम परियोजना के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। जोकि केंद्र और उत्तराखंड सरकार के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ऑल वेदर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की इजाजत दे दी है।  इसके साथ ही डबल लेन हाइवे बनाने का रास्ता साफ हो गया है। बात दे कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस परियोजना को सुप्रीम कोर्ट ने सेनाओं के लिए इसके रणनीतिक महत्व को देखते हुए डबल लेन की रोड बनाने को स्वीकृति दी है। 

दरअसल, ऑल वेदर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना चारधाम जाने वाले यात्रियों के लिए न सिर्फ फायदेमंद साबित होगी बल्कि सामरिक दृष्टि से भी यह राजमार्ग काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राजमार्ग सीधे चीन सीमा से जुड़ेगी। चीन के साथ हाल के दिनों में बढ़े तनाव के मद्देनजर इस सड़क के जरिए सेनाओं को चीन की सीमा तक पहुंचने में आसानी होगी। कोर्ट ने अपने 8 सितंबर 2020 के आदेश को संशोधित करते हुए प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत न्यायिक समीक्षा में सेना के सुरक्षा संसाधनों को तय नहीं कर सकती।

हाईवे के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाल के दिनों में सीमाओं पर सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां सामने आई हैं। यह अदालत सशस्त्र बलों की ढांचागत जरूरतों का दूसरा अनुमान नहीं लगा सकती है। पर्यावरण के हित में सभी उपचारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए पूर्व सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एके सीकरी के नेतृत्व में एक निरीक्षण समिति भी गठित की गई है। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत ऋषिकेश से माणा, ऋषिकेश से गंगोत्री और ऋषिकेश से पिथौरागढ़ तक डबल लेन के रोड बनेंगे। और सेनाओं के लिए ये तीनों ही रोड बेहद अहम हैं, क्योंकि इन तीनों सड़कों से उसे चीन की सीमा तक पहुंचने के लिए सीधी कनेक्टिविटी मिल जाएगी।

इन सड़कों से भारी सैन्य साजो-सामान को भी आसानी से बॉर्डर तक ले जाया जा सकेगा। गौरतलब है कि 11 नवंबर को चारधाम परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विस्तार से सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। केंद्र और याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित था। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से दो दिनों में लिखित सुझाव देने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि करीब 900 किलोमीटर की चारधाम ऑल वेदर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जा सकती है या नहीं।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सितंबर 2020 के आदेश में संशोधन की मांग की थी, जिसमें चारधाम की सड़कों की चौड़ाई को 5.5 मीटर तक सीमित करने का आदेश दिया था। केंद्र का कहना है कि ये भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की ओर जाने वाली सीमा सड़कों के लिए फीडर सड़कें हैं। उन्हें 10 मीटर तक चौड़ा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट करीब 889 किमी लंबी रोडों को चौड़ा किए जाने का प्रोजेक्ट है। इनकी मरम्मत की जा रही है। हाईवे में बदला जा रहा है। साल 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले दिसंबर 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया था।

पहले इस प्रोजेक्ट का नाम ‘ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट’ था। लेकिन बाद में नाम बदलकर ‘चारधाम प्रोजेक्ट’ कर दिया गया। ये चारधामों को सड़क से जोड़ने का प्रोजेक्ट है। इसमें आने और जाने, दोनों तरफ डबल लेन सड़कें बनाई जाएंगी। पुरानी सड़कों को ठीक किया जाएगा, जहां पर सड़कों की चौड़ाई कम है, वहां पर चौड़ाई बढ़ाकर 12 मीटर तक की जाएगी। प्रोजेक्ट में एक मुख्य सड़क है, जिस पर आगे बढ़ने के साथ चार अलग-अलग रास्ते निकलते हैं, जो चारों धाम को जाते हैं। यह सड़क ऋषिकेश से शुरू होकर उत्तर दिशा में माणा नाम के गांव तक जाती है।

पहला रास्ता, ऋषिकेश से निकलेगा, जो धारासू नाम की जगह तक जाएगा। दूसरा, धारासू से एक रास्ता यमुनोत्री और दूसरा गंगोत्री जाएगा। तीसरा, रास्ता भी ऋषिकेश से शुरू होगा और रुद्रप्रयाग तक जाएगा। रुद्रप्रयाग से एक रास्ता केदारनाथ के लिए गौरीकुंड तक निकल जाएगा। चौथा, रुद्रप्रयाग से आगे बदरीनाथ के लिए माणा गांव तक जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 12 हजार करोड़ रुपए है।

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