प्रदेश में अवैध खनन पर लगातार सियासत हो रही है। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, राज्य के मुखिया पर अवैध खनन का आरोप लगाते हुए खनन प्रेमी मुख्यमंत्री भी कह चुके है। तो वही, ताजा मामला वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के गृह जनपद से सामने आई है। जहां पर वन क्षेत्र में अवैध खनन की पुष्टि हुई है। जिसकी गम्भीर को देखते वन मंत्री हरक सिंह रावत ने लैंसडाउन डीएफओ दीपक सिंह पर कार्रवाई करते हुए उन्हें वन मुख्यालय में अटैच कर दिया है। इतना ही नहीं लैंसडाउन के डीएफओ के खिलाफ जांच भी बैठाई गई है।
इसी कड़ी में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने वन विभाग के प्रमुख विनोद सिंघल को अपने आवास पर भी तलब किया। लैंसडाउन वन प्रभाग में अवैध खनन मामले को लेकर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने गहरी नाराजगी जाहिर की थी, जिसको लेकर मंत्री ने अब प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल को अपने आवास पर तलब किया। साथ ही वन मंत्री हरक सिंह रावत ने विनोद सिंघल को अपने आवास पर अवैध खनन के मामलों पर रोकथाम के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं और इस मामले पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है।
डीएफओ दीपक सिंह को प्रमुख वन संरक्षक के कार्यालय में अटैच किए जाने के आदेश किए हैं। इस मामले पर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं उधर दीपक सिंह की जगह सहायक वन संरक्षक अमरेश कुमार को लैंसडाउन वन प्रभाग में डीएफओ की जिम्मेदारी दी गई है। उत्तराखंड में अवैध खनन को लेकर वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत पर यूं तो आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार विभागीय मंत्री ने अपनी ही विधानसभा क्षेत्र में अवैध खनन के मामले में प्रभागीय वन अधिकारी दीपक सिंह पर कार्रवाई की है।