वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते उत्तराखंड चार धाम की यात्रा कपाट खुलने के बाद से ही लगातार स्थगित चल रही है। जिसकी मुख्य वजह यह है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर की गई व्यवस्थाओं से असंतुष्ट होकर, चारधाम की यात्रा पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। जिस पर अभी तक एक भी बार सुनवाई नहीं हो पाई है। जिसके चलते उत्तराखंड राज्य सरकार ने अब निर्णय लिया है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को राज्य सरकार वापस लेगी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेने की मुख्य बताया है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस बात पर जोर दिया था कि जब राज्य सरकार, सुप्रीम कोर्ट चली गई है तो अब चारधाम यात्रा के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ही निर्णय लेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को करीब 2 महीने का वक्त हो गया है लेकिन अभी तक एक भी बार सुनवाई नहीं हो पाई है। जिसके चलते राज्य सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि जल्द से जल्द चारधाम यात्रा हुई है इसके लिए वह हाईकोर्ट में ही पैरवी करेंगे।
वहीं, इस मामले पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा था सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर एक भी बार सुनवाई नहीं हो पाई है। और समय बीतता जा रहा है। क्योंकि चारधाम की यात्रा को महज कुछ महीने का ही समय बचा है लिहाजा राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेगी और हाईकोर्ट से अनुरोध करेगी कि वह जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय दे। ताकि जल्द से जल्द चारधाम की यात्रा शुरू हो सके।