आगामी साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जहां एक ओर राजनीतिक दल दमखम से तैयारियों में जुटे हुए हैं। तो वहीं, मुख्य निर्वाचन कार्यालय भी तैयारियों में जुट गया है। इसी क्रम में आगामी विधानसभा चुनाव को बेहतर और सुरक्षित ढंग से कराए जाने को लेकर बिहार में इस्तेमाल किए गए एम-3 ईवीएम को उत्तराखंड मंगाया गया है जिसको आगामी विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया जाएगा। एम-3 ईवीएम, पुरानी ईवीएम के मुकाबले काफी सुरक्षित और अत्याधुनिक है।
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बिहार से 18400 बैलेट, 17100 कंट्रोल यूनिट और 18400 वीवीपैट उत्तराखंड पहुच चुकी है। ये सभी एम-3 ईवीएम है यानी ईवीएम की थर्ड जेनेरश है। जिसका इस्तेमाल बिहार में साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया था। ऐसे में एम-3 ईवीएम का इस्तेमाल अब उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में किया जाएगा। जबकि साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान एम-2 ईवीएम का इस्तेमाल किया गया था।
21 सितंबर से शुरू होगा सभी आरओ का प्रशिक्षण
आगामी विधानसभा चुनाव में महज कुछ महीनों का ही वक्त बचा है ऐसे में मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने तैयारियां तेज कर दी है इसी क्रम में आरओ यानी रिटर्निंग अफसरों की ट्रेनिंग का शेड्यूल जारी कर दी है। जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार, गढ़वाल मंडल के रिटर्निंग अफसरों का प्रशिक्षण 21 सितंबर से, तो वही गढ़वाल मंडल के रिटर्निंग अफसरों का प्रशिक्षण 27 सितंबर से शुरू होगा। रिटर्निंग अफसरों को ट्रेनिंग दिए जाने को लेकर मास्टर ट्रेनर बनाने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही जल्द ही पुलिस के प्रशिक्षण का शेड्यूल भी जारी कर दिया जाएगा। हालांकि, वर्तमान समय में बीएलओ के स्तर से भूतों का सर्वे कराया जा रहा है जिसमें बूथों की स्थितियों को बेहतर कराया जा रहा है।
क्या होता है ईवीएम (EVM)
ईवीएम का मतलब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन होता है। जो दो यूनिटों, कंट्रोल यूनिट (CU) और बैलट यूनिट (BU) से मिलकर बनती है। चुनाव के दौरान कंट्रोल यूनिट मतदान अधिकारी के पास होता है और बैलट यूनिट वोटिंग कंपार्टमेंट में रखा जाता है। जब भी कोई मतदाता, मतदान करने आता है तो कंट्रोल यूनिट का प्रभारी कंट्रोल यूनिट में बने बैलट बटन को दबाता है जिससे मतदाता बैलट यूनिट में अपने पसंद के प्रत्याशी के सामने लगे नीले बटन को दबाकर मतदान कर सकता है।
क्या है एम सीरीज ईवीएम
चुनावों में जब ईवीएम को शामिल किया गया। उस समय ईवीएम के पहले वर्जन यानी एम-1 का इस्तेमाल किया जा रहा था। जिसके बाद साल 2006 से 2010 के बीच बनी ईवीएम की सेकंड जनरेशन एम-2 के आने के बाद ईवीएम के पहले वर्जन एम-1 को चुनावी प्रक्रिया से पूरी तरह बाहर कर दिया गया। कुछ सालों पहले तक हुए विधानसभा चुनाव में एम-2 का इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन साल 2013 में एम- 3 के आने के बाद धीरे-धीरे एम-2 का इस्तेमाल कम होने लगा। तो वहीं, अब आगामी विधानसभा चुनाव एम-3 ईवीएम यानी ईवीएम की थर्ड जनरेशन का इस्तेमाल किया जाएगा।
क्या होता है बैलेट यूनिट (BU)
बैलट यूनिट एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसमें सभी उम्मीदवारों के चुनाव चिन्ह होते हैं और उसी के सामने नीला बटन होता है, जिस बटन को दबाकर मतदाता अपना वोट देते हैं। बैलट यूनिट, कंट्रोल यूनिट से जुड़ा होता है। हर चुनाव के दौरान मुख्य निर्वाचन कार्यालय, सभी बूथों पर एक्स्ट्रा बैलट यूनिट को रिजर्व रखता। ताकि मतदान के दौरान बैलेट यूनिट खराब होने पर तत्काल रिजर्व रखे बैलट यूनिट का इस्तेमाल किया जा सके।
क्या होता है कंट्रोल यूनिट (CU)
CU यानी कंट्रोल यूनिट एक तरह का डिवाइस है जो ईवीएम का मुख्य भाग होता है। जिसमें जब मतदाता अपने मत का प्रयोग करता है तो उसकी जानकारी कंट्रोल यूनिट में सेव हो जाती है और चुनाव के दौरान कंट्रोल यूनिट, बूथ के अधिकारी के पास रखी होती है। चुनाव के दौरान किसी भी बूथ के कंट्रोल यूनिट में खराबी आने पर रिजर्व में रखे गए कंट्रोल यूनिट का इस्तेमाल किया जाता है।
क्या होता है वीवीपैट (VVPAT)
वीवीपैट यानी वोटर वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रायल (Voter Verifiable Paper Audit Trail) के तहत, जब मतदाता, मतदान करता है तो वीवीपैट में 7 सेकंड के लिए एक पर्ची मतदाता को दिखायी देती है कि मतदाता ने जिसको वोट दिया है उसी प्रत्याशी को उनसका वोट गया है। एक तरह से मतदाताओं को संतुष्ट करने के लिए चुनाव के दौरान वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाता है।