कोविड-19 से लड़ने के लिए की गई व्यवस्थाओं को शासन ने गिनाया

उत्तराखंड राज्य में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले में राज्य सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। हालांकि राज्य सरकार लगातार प्रदेश के भीतर व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कोशिश तो कर रही है लेकिन अभी तक धरातल पर इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है। अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बुधवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया कि प्रदेश में कोविड संबंधी व्यवस्थाओं मे और तेजी लाने के लिए नोडल अफसरों की तैनाती की गई है। राज्य सरकार अपनी व्यवस्थाओं के साथ ही सीएसआर के माध्यम से भी मेडिकल इक्विपमेंट्स जुटाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर तमाम सामाजिक संगठनों से भी सहयोग लिया जा रहा है।

अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश में राज्य सरकार लगातार ऑक्सीजन बेड, आईसीयू की व्यवस्था कर रही है। अगले कुछ दिनों में 1400 ऑक्सीजन बैड तैयार हो जाएंगे, जिसके लिए राज्य सरकार ने 40 करोड़ की धनराशि डीआरडीओ को जारी कर दी है। अब तक प्रदेश में 39 लाख लोगों के सैंपल टेस्ट किये जा चुके है। अमित नेगी ने प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार को 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन हेतु तीन लाख वैक्सीन प्राप्त हो चुकी है।

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी

इसके अलावा 18 साल से 45 वर्ष की उम्र में लोगों के वैक्सीनेशन के लिए 100 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्लाज्मा डोनेशन हेतु पोर्टल की व्यवस्था की गई है जिसका अच्छा रेसपोंस मिलने लगा है। इसके साथ ही ई- संजीवनी पोर्टल के माध्यम से रोजाना दो हजार से ज़्यादा लोगों को घर बैठे मुफ़्त उपचार मिल रहा है। अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों को कहा रेमेडिसविर इंजेक्शन का इस्तेमाल तय एसओपी के अनुसार ही करने को कहा गया है। हालांकि हमारे पास ये पर्याप्त संख्या में हैं। बड़े अस्पताल अपनी आक्सीजन संबंधित मांग की सूचना 24 घंटे पहले प्रशासन को दे दें, ताकि समय से ऑक्सीजन की आपूर्ति कर दी जाए।

इसके साथ ही अस्पतालों में प्रयोग की जा रही ऑक्सीजन का ऑडिट हेतु जिला अधिकारी को निर्देशित दिए गए हैं। कोविड संक्रमण को रोकने के लिये आम जनता का सहयोग बहुत जरूरी है। जब आवश्यक हो तभी घर से निकले और कोविड गाइड लाइन का अक्षरशः पालन करें। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु मानव संसाधन उपलब्ध कराने हेतु अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश में आउटसोर्स, पीआरडी, उपनल के जरिए व्यवस्था की जा रही है। 375 नए डॉक्टरों की भी नियुक्ति हो चुकी है, इसके अलावा 185 एमएनएचपी की तैनाती की जा रही है।

सचिव डाॅ पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि कोविड उपचार में एक विशेष दवाई TOCILIZUMAB का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसको बहुत ही विशेष परिस्थिति में दिया जाता है। राज्य सरकार को फ़िलहाल केंद्र से इस दवा के 125 डोज की अनुमति मिली थी, जिसमें से अभी तक 25 डोज प्रदेश को पहुंच सके हैं। इस दवा अनुमति हेतु गढ़वाल क्षेत्र के लिए दून मेडिकल कॉलेज एवं कुमाऊं क्षेत्र के लिए सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट को नामित किया गया है।

प्रदेश में कोविड संबंधित दवाओं की कालाबाजारी को लेकर आइजी अमित सिन्हा ने जानकारी दी कि नैनीताल, उधम सिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार में लगातार राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई की जा रही है। बीते 2 दिन में चार लोग कालाबाजारी के मामले में गिरफ्तार किए गए हैं। इसके साथ ही साथ ऑक्सीजन सिलेंडर भी पुलिस द्वारा बरामद किये गये है। प्रदेश की जनता को जहां भी कालाबाजारी जैसे सूचना मिले तत्काल पुलिस को संपर्क करें जिसके लिए 112 पर जानकारी दी जा सकती है।

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